महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना एक वरदान

Authors

Dr. Gulrej Shabbir Khan

Keywords:

महात्मा गाँधी , मनरेगा, परिचयात्मक परिवृत्त, ग्रामीण विकास का अर्थ व परिभाषा, ग्रामीण विकास का उद्देश्य, शोध प्रविधि, ग्रामीण विकास व मनरेगा, राष्ट्रिय ग्रामीण रोजगार योजना, राष्ट्रिय ग्रामीण आजीविका मिशन, स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना, ग्रामीण विकास की परिजनए, बहुद्देश्यीय परियोजनाएं, मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, राष्ट्रिय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अधिनियम, मनरेगा का मुख्य बिंदू, ग्राम पंचायत ७ रजिस्टरें, मनरेगा रिपोर्ट्स

Synopsis

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा / MNREGA) भारत में लागू एक रोजगार गारंटी योजना है, जिसे 7 सितंबर 2005 को विधान द्वारा अधिनियमित किया गया। यह योजना प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किसी भी ग्रामीण परिवार के उन वयस्क सदस्यों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराती है जो प्रतिदिन 220 रुपये की सांविधिक न्यूनतम मजदूरी पर सार्वजनिक कार्य-सम्बंधित अकुशल मजदूरी करने के लिए तैयार हैं। 2010-11 वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए केंद्र सरकार का परिव्यय 40,100 करोड़ रुपए था।

इस अधिनियम को ग्रामीण लोगों की क्रय शक्ति को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, मुख्य रूप से ग्रामीण भारत में रहने वाले लोगों के लिए अर्ध-कौशलपूर्ण या बिना कौशलपूर्ण कार्य, चाहे वे गरीबी रेखा से नीचे हों या ना हों। नियत कार्य बल का करीब एक तिहाई महिलाओं से निर्मित है। सरकार एक कॉल सेंटर खोलने की योजना बना रही है, जिसके शुरू होने पर शुल्क मुक्त नंबर 1800-345-22-44 पर संपर्क किया जा सकता है। शुरू में इसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA) कहा जाता था, लेकिन 2 अक्टूबर 2009 को इसका पुनः नामकरण किया गया।

अगर मैं भारी समर्थन को स्वीकार नहीं करता हूं तो मैं अपने कर्तव्य में विफल हो जाऊंगा। इस प्रयास को थोड़े समय में पूरा करने के लिए कृपा द्रष्टि प्रकाशन हाउस से सहायता प्राप्त हुई। अंतिम, लेकिन कम से कम, मैं अपने परिवार को उनके निरंतर प्रोत्साहन के लिए स्वीकार करना चाहता हूं।किसी भी सार्थक आलोचना और सुधार के सुझावों को धन्यवाद स्वीकार किया जाएगा।

Published

November 25, 2020

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ISBN-13 (15)

978-81-946587-4-0

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