समकालीन भारतीय समाज व शिक्षा
Keywords:
शिक्षा का अर्थ, शिक्षा की परिभाषा, समानार्थी शब्द, विज्ञान, शिक्षा की प्रकृति, कला, सैद्धांतिक, शिक्षा की विशेषताएं, निरोपचारिक शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा, शैक्षिक समाजशास्त्र, शिक्षा का इतिहास, रेडिओ एवं टीव्ही, सिनेमा, धर्म, नाटक, व्यक्तिगत विकास, विविधता, सार्वभौमीकरण, अंग्रेजी शिक्षा प्रणाली, एडम की रिपोर्ट, कोठारी आयोगSynopsis
मुझे अपनी पहली पुस्तक "समकालीन भारतीय समाज में शिक्षा" का यह संस्करण प्रस्तुत करते हुए अपार हर्ष हो रहा है। आशा है ये शिक्षार्थियों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। इस पुस्तक को लिखने में मेरी सहायता करने वाले मेरे महाविद्यालय के सहयोगी प्राध्यापकों का हृदय से आभार व्यक्त करती हूं। मेरे पति श्री सही राम, Deputy DEO, Sirsa का जो सहयोग रहा उसे शब्दों में व्यक्त कर पाना संभव नहीं है, इनकी अभिप्रेरणा से यह पुस्तक आज आप सभी के सम्मुख है।
"समकालीन भारतीय समाज व शिक्षा" नामक पुस्तक भारतीय समाज और शिक्षा के विभिन्न पहलुओं को विशेषज्ञता से दृष्टिकोण प्रदान करती है। यह पुस्तक आधुनिक समय के सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक परिवर्तनों को समझने का प्रयास करती है, साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में उन्नतियों और चुनौतियों को भी विश्लेषित करती है।
पुस्तक में समाज के विभिन्न वर्गों, जातियों, धर्मों के बीच संबंध, और इनके असरों पर विस्तृत चर्चा की गई है। शिक्षा के क्षेत्र में भी विशेष बल दिया गया है, जिसमें स्कूल और कॉलेजों के विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन, तकनीकी शिक्षा की महत्वपूर्णता, और शिक्षा में नवाचारों का समावेश है।
इस पुस्तक का लक्ष्य समाज और शिक्षा के क्षेत्र में विचारशीलता उत्पन्न करना है ताकि पाठक समकालीन चुनौतियों को समझ सकें और उनका सामना करने के लिए सक्षम हों। यह पुस्तक बी.एड./एम एड व शिक्षा से जुड़े हुए समस्त पाठकों के उपयोगी साबित होगी। आपके सुझावों का स्वागत है।