अध्यात्म रामायण और वाल्मीकि रामायण का तुलनात्मक अध्ययन
Keywords:
अध्यात्म रामायण, वाल्मीकि रामायण, तुलनात्मक अध्ययन, रामचरितमानस , श्रीराम के रामत्व की प्रतिष्ठा, लोकाभिमुख धर्मज्ञ राजा, रामायण संस्कृत, रामायण की संरचना , सीता का वनवास, वाल्मीकि की रामायण, रामायण और रामचरितमानस में अंतर, शूर्पणखा प्रसंग , रामअवतारामSynopsis
The main objective of Adhyatma Ramayana is to focus on the path of attaining the final beatitude. In view of the Adhyatma Ramayana devotion towards the lotus feel of Supreme reality in the form of Rama is the noblest way of attaining the Moksa. In contrast to this, the Ramayana of Valmiki is regarded as an Itihasa.
यह परम पवित्र गाथा भगवान् शंकर द्वारा आदिशक्ति जगदम्बा पार्वतीजी को सुनायी गयी थी। यह कथा ब्रम्हाण्डपुराण के उत्तरखण्ड में आयी है, अतः इसके रचयिता भी महामुनी व्यास हैं। इसमें परम रसायन रामचरित्र का वर्णन और प्रसंगानुसार भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, उपासना, सदाचार सम्बन्धी उपदेश एवं अध्यात्मतत्व के विवेचन की प्रधानता है। सरल भाषानुवाद में मूल के साथ सचित्र, सजिल्द।
These sacred verses are extract from the latter portion of the Brahmand Puran composed by the great Ved Vyas. These verses are a dialogue between Lord Shankar and goddess and universal mother Parvati. This pious story was recited to the universal mother Parvati by the Lord Shankar.