कोविद्-19 का दौर

Authors

डॉ. विनय प्रताप सिंह; डॉ. प्रिया सिंह ; निर्मल कुमार; रविना राठौर; संगीता अजगल्ले; संजय कुमार साहू; स्मृति देशमुख; श्रीमति मिना साहू; श्रीमती वाणी मसीह; वंदना यादव ; डॉ. जया शर्मा; प्रो. राजेश पवार; डॉ. शांति शर्मा; डॉ. रेखा तिवारी; डॉ. सुषमा पाण्डेय ; डॉ. सूर्य देव यादव

Keywords:

कोविड-19, कोविड-19 का दौर, कोविड-19 का उद्योगों पर प्रभाव, नए आयाम, कर्मचारियों के कार्यक्षमता पर प्रभाव, शरीरिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव, दवा उत्पादक क्षेत्रों पर प्रभाव, भारतीय विकास पर प्रभाव अवसर, छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव, तकनीकी पर प्रभाव और नवीन अवसर, चिकित्सा क्षेत्रों पर प्रभाव, शिक्षकों पर प्रभाव और नवाचार, स्वास्थ्य पर प्रभाव, छत्तीसगढ़ राज्य पर प्रभाव, मिडिया का प्रभाव, शिक्षा पर प्रभाव

Synopsis

कोविड-19 एक वैश्विक महामारी है, जिसकी शुरुआत दिसंबर में चीन के वुहान शहर से हुई थी | यह एक नए प्रकार के कोरोनावायरस  (SARS-CoV-2)के कारण फैली, जो पहले कभी मानवों में नहीं पाया गया था | यह वायरस तेजी से फैलने वाला और अत्यधिक संक्रामक है, जो मुख्यत: श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है | मार्च  में 2020 में विश्व स्वास्थ्य संघठन (WHO) ने इसे वैश्विक महामारी (पैंडेमिक)   घोषित किया | इसके बाद पूरी दुनिया में स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति उत्पन्न हो गई | विभिन्न देशों नेवायरस के प्रसार को रोकने के लिए लोकडाउन, सामाजिक दूरी, और मास्क पहनने जैसी कई उपायों को लागु किया | इस दौर में स्वास्थ्य सेवाओं पर अत्यधिक दबाव पड़ा, अस्पतालों में जगह की कमी हुई, और लाखों लोगों की जान गई | साथ ही, इसने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी गंभीर असर डाला, जिससे बेरोजगारी, व्यापार में गिरावट, और गरीबी में वृद्धि देखने को मिली | वैक्सीन के विकास और वितरण से स्थिति में कुछ सुधर आया, लेकिन कोविड -19 का दौर जीवन के लगभगसभी क्षेत्रों में बदलवलाने वाला साबित हुआ, जिससे सामाजिक, आर्थिक, और व्यक्तिगत जीवन के ढांचे पर स्थायी प्रभाव पड़ा |

इस महामारी ने विश्व स्तर पर कईमहत्त्वपूर्ण और गंभीर मुद्दों को उजागर किया, जो जीवन के लगभग हर क्षेत्र को प्रभावित करते हैं | इन मुद्दों ने सरकारों, समाजों और व्यक्तियों को अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करने के लिए मजबूर किया | कोविड -19 के दौर ने वैश्विक स्वास्थ्य, आर्थिक, और सामाजिक तंत्रों की कमजोरियों को उजागर किया | यह समय कई नए मुद्दों के साथ-साथ पुराने मुद्दों को भी पुनर्स्थापित हुआ | महामारी ने दुनिया को भविष्य के लिए अधिक तैयार रहने और स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, और आर्थिक स्थिरता में सुधर की आवश्यकता का एहसास कराया | जिसमें कुछ प्रमुख मुद्दों के रूप में स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव, लोकडाउन और सामाजिक दुरी, आर्थिक मंदी और बेरोजगारी, शिक्षा पर प्रभाव, मानसिक स्वास्थ्य, टीकाकरण और उसकी चुनौतियां, झूठी सूचनाओं और अफवाहों का प्रसार, वैश्विक सहयोग और राजनीती इत्यादि म,मुद्दे सामने आए |

आँकडों और तथ्यों के रूप में देखा जाय तो कोविड-19 के  दौर में महामारी की गंभीरता, इसके प्रसार और इसके प्रभावको समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं | जिसमें महामारी की शुरुआत और प्रसार दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में सामने आया और २०२१ के अंततक, लगभग सभी देशों में कोविड-19 के मामले दर्ज किए गए | साथ-साथ संक्रमण और मृत्युदर के आँकड वैश्विक स्तर पर लगभग 5 मिलियन से अधिक लोगों की मौत तथा स्वास्थ्य सेवाओं पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा |

यह दौर ने मानव जाति को एक गंभीर परीक्षा के दौर से गुजारा, जिसमें हमारे स्वास्थ्य ढांचे, सरकारों की नीतियाँ, और वैश्विक एकजुटता की कमजोरियाँ सामने आई | यह संकट हमें यह सिखाता है की हमें भविष्य की स्वास्थ्य आपदाओं से बेहतर तरीके से निपटने के लिए तैयार रहना होगा, और इसके लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक सुरक्षा, और वैज्ञानिक नवाचार में दीर्घकालिक निवेश आवश्यक है |

वैश्विक स्तर पर मानव जीवन, स्वास्थ्य प्रणालियों, और अर्थव्यवस्थाओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया | इस संकट ने हमे यह सिखाया कि आपातकालीन स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए हमे पहले से अधिक तैयार रहने की आवश्यकता है | महामारी ने न केवल स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को उजागर किया, बल्कि आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा तंत्र की अपर्याप्तता को भी सामने रखा |

इस संकट से उबरने और भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचने के लिए हम सभी को स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता है जिससे आर्थिक स्थिति के सुधर के साथ सरल जीवन-यापन उपायों को लागू करने, वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा देने, और वैश्विक सहयोग को बढ़ाने की आवश्यकता है | इसके साथ ही डिजिटल शिक्षा पर जोर, मानसिक स्वास्थ्य समर्थन और पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है | जिससे हमारा जीवन अच्छे से चल सके साथ ही समाधानों और सुझावों का उद्देश्य न केवल महामारी के वर्तमान प्रभावों को कम करना है, बल्कि भविष्य की चुनौतियों से भी बेहतर तरीके से निपटने के लिए एक मजबूत आधार तैयार करना है | इस पुस्तक के माध्यम से कोविड -१९ के दौरान समूचे विश्व में हुए आमूलचूक क्षति एवं परिवर्तन को समझने का एक सार्थक प्रयास किया गया है | परमपिता परमेश्वर, गुरुजनों एवं माता-पिता के आशिर्वाद से हम आशा करते है कि यह पुस्तक समस्त छात्रों एवं पाठको के लिए उपयोगी साबित होगी |

Chapters

  • कोविद्-19 का दौर
    डॉ. विनय प्रताप सिंह, डॉ. प्रिया सिंह
  • कोविड-19 का उद्योगों पर प्रभाव नए आयाम
    निर्मल कुमार
  • कोविड-19 का कर्मचारियों के कार्यक्षमता पर प्रभाव
    रविना राठौर
  • कोविड-19 का शरीरिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव
    संगीता अजगल्ले
  • कोविड-19 का दवा उत्पादक क्षेत्रों पर प्रभाव
    संजय कुमार साहू
  • कोविड-19 का भारतीय विकास पर प्रभाव अवसर
    स्मृति देशमुख
  • कोविड-19 का छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
    श्रीमति मिना साहू
  • कोविड-19 का तकनीकी पर प्रभाव और नवीन अवसर
    श्रीमती वाणी मसीह
  • Covid-19 का चिकित्सा क्षेत्रों पर प्रभाव और नए आयाम
    वंदना यादव
  • Covid-19 का शिक्षकों पर प्रभाव और नवाचार
    डॉ. जया शर्मा, प्रो. राजेश पवार, डॉ. शांति शर्मा
  • कोविड-19 का स्वास्थ्य पर प्रभाव
    डॉ. जया शर्मा, डॉ. शांति शर्मा
  • कोविड-19 का छत्तीसगढ़ राज्य पर प्रभाव और नए आयाम
    डॉ. रेखा तिवारी
  • Covid-19 का मिडिया का प्रभाव और नए आयाम प्रभाव
    डॉ. सुषमा पाण्डेय
  • कोविड-19 का शिक्षा पर प्रभाव और नवीन आयाम
    डॉ. सूर्य देव यादव

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Published

October 21, 2024

Details about this monograph

ISBN-13 (15)

978-93-48091-15-4